PCOS: किस तरह करें वजन कम,अपनाएं ये टिप्स

PCOS: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, या फिर आप इसे पीसीओएस क्या आप जानते हैं कि पीसीओएस (PCOS)में वजन काम किस तरह से होता है?

लेकिन इससे पहले हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह आपकी ओवरीन असामान्य मात्रा में एण्ड्रोजन का उत्पादन करती हैं,जहाँ से छोटे सिस्ट(सिस्ट ऊतक की एक छोटी सी थैली होती है जो अक्सर तरल पदार्थ या मवाद से भरी होती है) का निर्माण करता है.

PCOS के लक्षण

वहीँ अगर आप इसके लक्षणों से परिचित नहीं हैं तो बता दें कि कुछ लक्षणों से आप इसे पहचान सकते हैं. आइये आपको बताते हैं कि किस तरह के लक्षण पीसीओएस में आपको हो सकते हैं.

मासिक धर्म की अनियमितता में
बालों का अधिक बढ़ना
मुंहासे
और मोटापा हैं

PCOS के कारण

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस – शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है
  • हार्मोनल असंतुलन – टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष हार्मोन का बढ़ना
  • जेनेटिक कारण – पारिवारिक इतिहास का भी PCOS में योगदान हो सकता है

इलाज और प्रबंधन:

  1. आहार में सुधार – चीनी और कार्बोहाइड्रेट के सेवन में कमी, प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन
  2. व्यायाम – नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित करना
  3. दवाइयाँ – डॉक्टर के परामर्श के अनुसार हार्मोनल दवाएं और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करने की दवाएं
  4. योग और मेडिटेशन – मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान करना

नींद पर पड़ता है प्रभाव (PCOS)

PCOS

यह तो हो गए वह लक्षण जो आम तौर पर लोगों में देखने के लिए मिलते हैं लेकिन इसके अलावा एक और लक्षण है जी हाँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कई लोगों में यह देखा गया है कि जिन भी लोगों को पीसीओएस होता है उनको नींद की गुणवत्ता और नींद का चक्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

आहार विशेषज्ञ टैलीन हैकेटेरियन नेअपने एक अध्ययन में लिखा है “पीसीओएस के साथ कोई अंतर नहीं है. कुछ दिनों में हमें सोने में कठिनाई होती है, और कुछ दिनों में हम बिस्तर से बाहर नहीं निकल पाते हैं.”

इस तरह कर सकते हैं सुधार

बता दें आप पीसीओएस में किस तरह अपनी नींद में सुधार कर सकते हैं हम इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं. तो आइये जानते हैं

डिजिटल चीज़ों का यूज़ करें काम : जैसा कि आजकल बड़ों से लेकर बच्चों में यह आदत देखी गयी है कि वह देर रात तक मोबाइल या फिर लेपटॉप पर देर रात तक यूज़ करते हैं.

लेकिन डॉक्टरर्स के अनुसार हमें रात में स्क्रीन बंद कर देनी चाहिए स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी शरीर के सोने-जागने के चक्र को बाधित करती है और मेलाटोनिन के उत्पादन को रोकती है

धुप की लें रोशनी : शरीर की सर्कैडियन लय को ठीक करने के लिए, हमें शरीर को रोजाना सुबह की धूप के संपर्क में लाना चाहिए यह शरीर में नेचुरल तरीके से कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है.

सूर्यास्त की रोशनी हो सकती है फायदेमंद: सुबह की रोशनी के अलावा सूर्य को अस्त होते हुए देखना एक अद्भुत दृश्य होता है. यह शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन करने और शरीर में कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में भी हेल्प करते हैं

बनाएं दिनचर्या: सोते समय दिनचर्या का पालन करना महत्वपूर्ण है. आंखों पर मास्क लगाने और गहरी सांस लेने का अभ्यास करने से नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है.

वर्कआउट करें: कुछ पीसीओएस-अनुकूल जीवनशैली में बदलाव जैसे डेयरी और ग्लूटेन से परहेज और धीमी गति से वर्कआउट करने से नींद के चक्र को ठीक करने में मदद मिल सकती है.

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