Digital Eye Strain:आज की डिजिटल दुनिया में मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टैबलेट, और लैपटॉप का इस्तेमाल हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है. हम रोज़ाना कई घंटे डिजिटल स्क्रीन पर बिताते हैं, चाहे वह ऑफिस का काम हो, पढ़ाई हो, या फिर सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए हो. डिजिटल डिवाइसेज के अत्यधिक उपयोग से हम ‘डिजिटल आई स्ट्रेन’ (Digital Eye Strain) के शिकार हो सकते हैं. इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहते हैं. इस समस्या के बढ़ने का मुख्य कारण स्क्रीन का लगातार और लंबा उपयोग करना है, जो हमारी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है.इस लेख में, हम जानेंगे कि डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain)क्या है, इसके लक्षण और इसके कारण क्या हैं, और इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं
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डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है? (Digital Eye Strain)
डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) एक प्रकार की आंखों की थकान होती है, जो डिजिटल स्क्रीन पर लगातार देखने से होती है. स्क्रीन पर लगातार ध्यान केंद्रित करने के कारण आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं, जिससे दर्द, धुंधलापन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यह स्थिति कई बार लंबे समय तक बनी रह सकती है, और अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह स्थायी दृष्टि समस्याओं का कारण भी बन सकती है.
ऑर्बिस में भारत के कंट्री डायरेक्टर, डॉ. ऋषि राज बोरा ने बताया, “डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain), जिसे कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है, लंबे समय तक डिजिटल डिवाइस के उपयोग के परिणामस्वरूप होने वाली आंखों और दृष्टि से संबंधित कई समस्याओं को शामिल करता है. जैसे सिरदर्द, आंखों पर तनाव, धुंधली दृष्टि और सूखी आंखें.जैसे-जैसे स्क्रीन पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है, डिजिटल यूज़ से आंखों के तनाव के प्रभाव को प्रबंधित करने और कम करने के लिए रणनीतियों को अपनाना अनिवार्य हो जाता है”
Symptoms of Digital Eye Strain
आंखों में थकान – स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करने के बाद आंखों में भारीपन महसूस होता है.
- सिरदर्द – लगातार स्क्रीन देखने से सिरदर्द होना आम बात है.
- धुंधला दिखना – लगातार स्क्रीन पर देखने से धुंधलापन आ सकता है.
- आंखों में जलन और सूखापन – स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से आंखें सूखने लगती हैं और उनमें जलन होने लगती है.
- गर्दन और कंधों में दर्द – गलत पोजिशन में बैठने या लंबे समय तक स्क्रीन देखने से गर्दन और कंधों में दर्द हो सकता है. जिसके कारण (Digital Eye Strain) का खतरा बढ़ता है
डिजिटल आई स्ट्रेन के कारण Causes of Digital eye strain
डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) के कई कारण होते हैं, जो हमारे दैनिक जीवन की कुछ आदतों से जुड़े होते हैं. ये हैं:
- लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग – लगातार कई घंटे स्क्रीन पर काम करना सबसे प्रमुख कारण है
- ब्लू लाइट का असर – डिजिटल डिवाइसेज से निकलने वाली नीली रोशनी हमारी आंखों पर सीधा असर डालती है.
- पलकों का कम झपकना – जब हम स्क्रीन देखते हैं तो पलकें कम झपकती हैं, जिससे आंखें सूखने लगती हैं.
- स्क्रीन की ब्राइटनेस – अत्यधिक ब्राइटनेस या कम ब्राइटनेस का उपयोग भी आंखों पर तनाव बढ़ाता है.
डिजिटल आई स्ट्रेन को रोकने के उपाय
डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) को कम करने के लिए कुछ उपायों को अपनाकर इसे रोका जा सकता है:
- 20-20-20 नियम का पालन करें
20-20-20 नियम के अनुसार, हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी वस्तु को देखें. यह आपकी आंखों को आराम देता है और तनाव को कम करता है.
- पलकें झपकाएं
स्क्रीन पर काम करते समय अक्सर पलकें झपकाना भूल जाते हैं, जिससे आंखें सूख जाती हैं. इसलिए समय-समय पर पलकें झपकाते रहें ताकि आंखों में नमी बनी रहे.
- स्क्रीन ब्राइटनेस का ध्यान रखें
स्क्रीन की ब्राइटनेस को कमरे की रोशनी के हिसाब से सेट करें. ज्यादा तेज या कम ब्राइटनेस आंखों पर दबाव बढ़ा सकती है.
- सही बैठने की मुद्रा
स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें ताकि आपको सीधे देखने में आसानी हो. स्क्रीन और आपकी आंखों के बीच उचित दूरी होनी चाहिए। कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों से लगभग 20-24 इंच की दूरी पर रखें.
- ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें
अधिकांश डिजिटल डिवाइसेज में ब्लू लाइट फिल्टर का ऑप्शन होता है, जिसका उपयोग करके आप ब्लू लाइट के प्रभाव को कम कर सकते हैं. इसके अलावा, एंटी-ब्लू लाइट चश्मे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
- नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं
हर छह महीने में आंखों की जांच कराते रहें ताकि किसी भी समस्या को शुरुआती चरण में ही पहचाना जा सके.
- आंखों को व्यायाम दें
आंखों के व्यायाम जैसे कि आंखों को गोल-गोल घुमाना, पलकें तेजी से झपकाना, आदि, आंखों को आराम और ताजगी प्रदान करते हैं.
डिजिटल आई स्ट्रेन से जुड़ी कुछ गलतियां
कई बार हम अनजाने में ऐसी आदतें अपनाते हैं जो आंखों के लिए हानिकारक साबित होती हैं.निम्नलिखित कुछ सामान्य गलतियां हैं, जिन्हें हमें ध्यान देना चाहिए:
- सोने से पहले स्क्रीन देखना – सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप देखने से आंखों को आराम नहीं मिल पाता और इससे नींद पर भी असर पड़ता है.
- बहुत पास से स्क्रीन देखना – अगर आप स्क्रीन के बहुत पास बैठते हैं, तो आंखों पर तनाव बढ़ सकता है. हमेशा स्क्रीन से उचित दूरी बनाए रखें.
- स्क्रीन पर लंबे समय तक फोकस रखना – लगातार कई घंटे स्क्रीन देखने से बचें, और बीच-बीच में ब्रेक लें. (Digital Eye Strain)
डिजिटल आई स्ट्रेन का लंबी अवधि पर प्रभाव
यदि डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) को नजरअंदाज किया जाए, तो यह आंखों की स्थायी समस्याओं का कारण बन सकता है. इसमें दृष्टि कमजोर होना, आंखों में सूजन, चश्मे की आवश्यकता बढ़ना और यहां तक कि माइग्रेन का भी खतरा होता है. लगातार तनाव के कारण आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे भविष्य में नजर संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
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