Corona brain fog:कोरोना एक ऐसा समय रहा था जिसे कोई भी आसानी से भूल नहीं सकता है. कुछ परिवार ऐसे रहे जिन्होंने अपनों को खोया। हालाँकि कोरोना का प्रभाव सिर्फ उसी समय तक नहीं रहा उसका प्रभाव अभी भी लोगों पर दिखाई दे रहा है.जानकारी के लिए बता दें हाल ही में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक नयी स्टडी की गयी है जहाँ से यह जानकारी सामने आ रही है कि जो भी SARS-CoV-2 से संक्रमित हुए थे उनके दिमाग पर कई तरह का प्रभाव पड़ा था या फिर यह कहें कि पड़ रहा है. वहीँ इससे जुडी एक स्टडी सामने आयी है आइये जानते हैं इसके बारे में.
Table of Contents (Corona brain fog)
कोरोना ब्रेन फॉग क्या है?
कोरोना ब्रेन फॉग में मस्तिष्क की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं:
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- कम आईक्यू स्तर का अनुभव
- बातों को जल्दी भूल जाना
- निर्णय लेने में देरी
- कार्यों में रुचि का अभाव
ब्रेन फॉग के कारण
ब्रेन फॉग के कारण कई हो सकते हैं. कोविड-19 वायरस के कारण शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो सीधे मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा, वायरस के प्रभाव से मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
आयु और मस्तिष्क पर असर
कई रिसर्च से पता चलता है कि 20-30 साल के युवा भी इस समस्या का अनुभव कर रहे हैं. उनके मस्तिष्क की कार्यक्षमता और आईक्यू में गिरावट देखने को मिल रही है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है.
आयुर्वेद में उपाय
- ब्राह्मी: यह एक ऐसा आयुर्वेदिक हर्ब है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है.
- अश्वगंधा: इसका सेवन तनाव को कम करता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है.
- जटामांसी: यह याददाश्त बढ़ाने में सहायक है.
क्या brain fog का बन रहा है खतरा? (Corona brain fog)
हालाँकि यह महामारी जब से शुरू हुई थी तभी से लोगों के बीच कोरोना महामारी से होने वाले, ब्रेन फ़ॉग जैसे प्रभाव की अफवाह उड़ने लगी थी. जिसका अहसास लोगों को कोरोना के बाद होना शुरू हुआ. वहीँ अब वैज्ञानिकों कई इस तरह के सबूत मिले हैं जो इस बात कि जानकारी देते हैं कि SARS-CoV-2 से संक्रमित होने से मस्तिष्क स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. वैज्ञानिकों ने वायरस के हल्के से मध्यम रूप वाले लोगों का अध्ययन किया और मस्तिष्क की महत्वपूर्ण, लंबे समय तक सूजन और परिवर्तन पाए.
स्टडी आयी सामने (Corona brain fog)
वहीँ दूसरी ओर द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी एक अध्ययन में यह जानकारी शेयर की गयी.कोविड की वजह से मस्तिष्क और उसके फंक्शन पर प्रभाव डाला है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस बड़ी महामारी के चलते यह पता चला है कि जो लोग वायरस से पीड़ित हुए थे, उनमें मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं का ख़तरा बढ़ गया है. अध्ययन करने के बाद उन्होंने शेयर किया कि , लोगों में “मस्तिष्कमें सिकुड़न ” और “मस्तिष्क की संरचना में बदलाव” देखा गया था.
ब्रेन डैमेज जैसी मुश्किल बढ़ी
शोधकर्ताओं का मानना है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद जो भी मरीज़ अस्पताल में भर्ती या जिन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता हुई थी , उनमें “समझने में कमी और ब्रेन डैमेज जैसी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है यह मूल रूप से 20 साल की उम्र के टीनेज के बीच ज्यादा देखने को मिल रहा है.
डेटा से जानकारी आयी सामने (Corona brain fog)
बता दें इसके अलावा, डॉक्टर ज़ियाद अल-अली, जो कि महामारीविज्ञानी भी हैं और इस अध्ययन के सह-लेखक भी हैं उन्होंने भी इस बीमाई से जुड़ें 11 अध्ययन का डेटा तैयार किया है , जिससे यह जानकारी सामने आयी है कि कोविड ने 60 से अधिक उम्र के लोगों में याद रखने, सोचने या निर्णय लेने की क्षीण क्षमता जो रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में बाधा उत्पन्न करने जैसी मुश्किलें सामने आ रही हैं उन्होंने यह भी कहा कि सीओवीआईडी से मरने वाले लोगों के शव परीक्षण के दौरान उनके मस्तिष्क में इस तरह की क्षति के बारे में पता चला.
आईक्यू में आयी गिरावट
ज़ियाद अल-अली ने आगे बताया कि मरने वालों में उन्होंने मस्तिष्क में कोहरे का अनुभव किया जो यह संकेत देता हैं कि यह वायरस मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन में बाधा बन सकता है, यह शैलद हमारे नर्वस सिस्टम को बाधित करती है जो कि हमारी बॉडी का कमांड सिस्टम है. साथ ही “जिन लोगों को हल्का और ठीक-ठाक सीओवीआईडी -19 था, उनमें आईक्यू के तीन-बिंदु नुकसान के बराबर संज्ञानात्मक गिरावट देखी गई”.
गंभीर खतरा कर सकता है पैदा
ज़ियाद अल-अली ने आगे कहा, “कुल मिलाकर, इन अध्ययनों से पता चलता है कि सीओवीआईडी -19 हल्के मामलों में भी मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है, और प्रभाव अब जनसंख्या स्तर पर सामने आ रहे हैं.शोध का बढ़ता समूह अब इस बात की पुष्टि करता है कि सीओवीआईडी -19 को मस्तिष्क पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला वायरस माना जाना चाहिए इसके प्रभाव दूरगामी हैं, संज्ञानात्मक संघर्ष का अनुभव करने वाले व्यक्तियों से लेकर आबादी और अर्थव्यवस्था तक”
corona memory loss, covid effect on brain, how to get rid of brain fog,
आगे देखें
Benefits of hing:आपके किचन में ही छिपा है इस बीमारी से जुड़ा यह देसी नुस्खा
Weight Loss Diet: ये ड्राई फ्रूट तेज़ी से करेंगे वेट लॉस जर्नी में आपकी मदद
Panic Attack: क्या आपको भी आते हैं रात में पैनिक अटैक, बेहतरीन नींद के लिए ट्राई करें ये उपाय
Diabetes and Ayurveda: आयुर्वेद में है डायबिटीज का इलाज़,करें इन चीज़ों का सेवन